STORYMIRROR

Saumya Singh

Abstract Romance

4  

Saumya Singh

Abstract Romance

ख्वाबों की मोहब्बत

ख्वाबों की मोहब्बत

1 min
118

आंखों में सपने और दिल में जुनून था

बस तेरी यादों के साये में मिलता सूकून था


मेरे हर ख्वाबों के पल कितने रंगीन थे

मेरे ख्वाबों में आकर, मेरे दिल को चुराकर,


मुझे दीवाना बनाकर तूने किये जुर्म बड़े संगीन थे

लेकिन तूझे तो मेरी दोस्ती तक ना कुबूल थी


तेरे लिए तो मेरी हर एक बात ही फिजूल थी

पर कोई नहीं तेरे लिए तो मेरा प्यार सच्चा है


बस तू हर रोज मेरे ख्बाबों में आ जाती है

मेरे लिए तो यही काफी अच्छा है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract