ख्वाबों की मोहब्बत
ख्वाबों की मोहब्बत
आंखों में सपने और दिल में जुनून था
बस तेरी यादों के साये में मिलता सूकून था
मेरे हर ख्वाबों के पल कितने रंगीन थे
मेरे ख्वाबों में आकर, मेरे दिल को चुराकर,
मुझे दीवाना बनाकर तूने किये जुर्म बड़े संगीन थे
लेकिन तूझे तो मेरी दोस्ती तक ना कुबूल थी
तेरे लिए तो मेरी हर एक बात ही फिजूल थी
पर कोई नहीं तेरे लिए तो मेरा प्यार सच्चा है
बस तू हर रोज मेरे ख्बाबों में आ जाती है
मेरे लिए तो यही काफी अच्छा है।