STORYMIRROR

Sandeep Kumar

Drama

4  

Sandeep Kumar

Drama

बेटा परदेश थोड़ी जा रहे हैं

बेटा परदेश थोड़ी जा रहे हैं

1 min
23.5K

पिता और पुत्र का संबाद


महस कुछ ही दिन में

हम घर लौट आएंगे  

बेटा परदेश थोड़ी जा रहे हैं

देश में ही रहेंगे।


बहन की शादी,दादी की दवाई

योग्य बेटा कमा लेंगे

महज कुछ ही दिनों में

घर लौट आएंगे।


कमा कर कुछ

कर्ज चुका देंगे

बेटा भार तेरा ही

सर से उतार देंगे।


घर में टीबी

छत में पंखा लगा देंगे

बेटा जल्द ही धर

हम लौट आएंगे।


पर कौन जानता था बेटा

यह दीन भी देखना होगा

दिल्ली से धर तक

पैदल ही चलना होगा।


बेटा भुखे प्यासे दीनो दीन

किसी तरह चलना होगा

जो कमाए थे वह

छोड़ कर आना होगा।


ये सब हम नहीं जानते थे

की हम ऐसे छले जाएंगे

नेता मंत्री के कारण

इतना पेले जाएंगे।


एक बिस्कीट भी तेरे लिए

बेटा नहीं ला पाएंगे

इतना जानते नहीं थे

खाली खाली धर आएंगे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama