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Sandeep Kumar

Abstract

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Sandeep Kumar

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हर त्योहार जीवन मे,कई खुशीयां लाते हैं

हर त्योहार जीवन मे,कई खुशीयां लाते हैं

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हर त्योहार जीवन मे,कई खुशियां लाते हैं

खुशियों का जो अंबार लगाए,वह रक्षा बंधन मनाते हैं।।


सालों सालों बाद एक बहना, भैया से मिलने जाती है

कई खुशियां मिलते ही आपस मे,बांट लेते हैं।।


यह अनुपम क्षण वर्ष में एक बार हर्षाते हैं

फिर बिछड़ने के बाद न जाने कब मिल पाते हैं।।



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