Lecturer in b.ed college
Share with friendsतुम कमल के फूल जैसी हो और मैं, तुम्हारे मोहपाश में जकड़े भँवरे के समान
Submitted on 01 Oct, 2020 at 09:33 AM
लेकिन क्या घर बदल लेने से ये मेरा पीछा करना बंद कर देगा?
Submitted on 30 Sep, 2020 at 09:59 AM
"ना...मैं नारी हूँ और यही मेरे जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि है !
Submitted on 25 Sep, 2020 at 17:08 PM
दिल जीतने में यकीन रखता है और यही एक सच्चे शिक्षक की पहचान है।
Submitted on 25 Sep, 2020 at 15:45 PM
वैचारिक मतभेद के साथ रहने की बजाय अकेला रहना बेहतर था।
Submitted on 21 Sep, 2020 at 15:01 PM
ऐसे युवाओं की वज़ह से ही इंडिया धीरे-धीरे आत्मनिर्भर भारत में तब्दील हो रहा है।
Submitted on 21 Aug, 2020 at 15:22 PM
इन दोनों बच्चों को राखी दिलवाकर जो खुशी और सुकून मिला था, वो अनुपम था।
Submitted on 20 Aug, 2020 at 16:40 PM
उनके अनुसार कीमती फ्लैट मजदूरों की वज़ह से खराब हो जाने का भय था।
Submitted on 20 Aug, 2020 at 10:39 AM
गुड़िया को परेशान करने में उसे बहुत मज़ा मिलता था, खासकर रक्षाबंधन के दिन।
Submitted on 05 Aug, 2020 at 18:33 PM
बहुत वर्षों तक संघर्ष किया, मेहनत की, तब जाकर यह खुशनुमा पल ज़िन्दगी में आया था ।
Submitted on 12 Jun, 2020 at 19:10 PM
इस पर इंटरनेट की सहज सुलभता ने आग में घी डालने का काम बहुत अच्छे से किया है
Submitted on 06 May, 2020 at 13:06 PM
यदि हर महिला शूर्पनखा नहीं होती है तो सीता भी नहीं होती है।
Submitted on 30 Apr, 2020 at 16:25 PM
ज्यों ही दोनों हिरण उनके इलाके में पहुंचे, भीड़ ने उन पर हमला बोल दिया।
Submitted on 30 Apr, 2020 at 13:59 PM
तालियों के शोर में नेताजी की वाइफ धीरे से बुदबुदायी- "कथा नहीं, मेरी 'आत्मकथा' है यह !
Submitted on 03 Mar, 2020 at 12:31 PM
हे ईश्वर, मानव जाति को सद्बुद्धि प्रदान करें..'सद्बुद्धि' प्रदान करें...।
Submitted on 03 Mar, 2020 at 11:00 AM
शकुन्तला का पुनः स्मरण हो गया था पर छवि का दुर्भाग्य, वो "ब्लाॅक" हो गयी थी..!
Submitted on 03 Mar, 2020 at 10:12 AM
इस तरह आशा, उम्मीद, भावना और इच्छा..चार भ्रुण हत्याएं की मैंने इन्हें विराट स्वरूप में आने से पहले ही।
Submitted on 12 Aug, 2019 at 15:56 PM