Naresh Kumar Behera

Drama Romance

4.8  

Naresh Kumar Behera

Drama Romance

कोशिश आज भी है

कोशिश आज भी है

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कोशिशें तो हजारों कि है।

पहले जानने की, 

फिर समझने की।

फिर समझकर जानने की।

जानकर समझाने की, 

दिल और दिमाग को।


कोशिशें तो हजारों कि है।

मिलने की, 

मिलन को जानने की

फिर मिलन की चाह को

समझने की।

बदले में देने की कोशिश

एहसास मुहब्बत का

और थोड़ा प्यार भी।


कोशिशें तो हजारों कि है।

जान में जान डालने की

सुख दुःख खुशी और ग़म को

समझने की।

उसकी हर आहट की 

इंतज़ार को जानने की।

बेवजह बहते अश्कों को

पूछने की।


कोशिशें तो हजारों कि है।

इंतज़ार करती वो चौखट, 

खिड़की से झूकती निगाहें

नासमझ भूख और प्यासे दिन 

जानने ऐसे कई किस्से।


पर, कोशिश आज भी है कायम

जानने क्या है इलाज, 

जज़्बात दिल को समझाने,

पूछने बस ये मुहब्बत क्या है? 

ये तड़प क्यों है? 

उसकी यादों में वो

मुस्कुराहट की वजह क्या है? 


कोशिश आज भी है कायम

सुनने एक लफ्ज 

जैसे काली रात में मिली 

एक छोटी सी किरण।

उसकी प्यार भरा 

डांट और गुस्सा सुनने कि

कोशिश आज भी है।।



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