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Renu Sahu

Drama Romance

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Renu Sahu

Drama Romance

नूर ........

नूर ........

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इश्क़ होता एक ही बार,

जिसमें होता सारा जुनून।

फिर जो पसंद आ जाये,

वो है बस ख्वाहिश पूरी करने का नूर।


चेहरे बदल जाते,

ख्वाहिश बाकि रह जाती।

एक शख्सियत की तलाश,

पूरी जिंदगी अधूरी रह जाती।


दिल को फिर दौड़ाना चाहूँ,

कमबख़्त आलसी हो गया है।

दिल को फिर दौड़ाना चाहूँ,

कमबख़्त आलसी हो गया है।

बस एक उसकी याद,

ये इतना मशगूल हो गया है


कोशिश की कई बार,

किसी और की हँसी झांकने की।

पर तेरी खिलखिलाती बत्तीसी ने,

आँखों की पलकें ही मेरी मूँद दी।


आसान नहीं तेरी यादों को,

रोज शरबत बना कर पी जाना।

एहसासों का फालूदा बना,

यूं ठंडी सांसे भर पाना।


पर जानती तेरी मेरी बातों की,

अब न कोई मंजिल है।

एहसासों को दूर करूँ कैसे,

बेलगाम ये कश्ती गहरी है,।


खोने से डरती हूँ,

ऐसा कहती थी कई बार।

खोने से डरती हूँ,

ऐसा कहती थी कई बार।

खो भी दिया और जिन्दा हूँ,

इस पर हँसती हूँ हजार बार।

अगर तुम जिंदगी थे,

तो अब भी तो मैं जिन्दा हूँ !

अगर तुम जिंदगी थे,

तो अब भी तो मैं जिन्दा हूँ !

पागलपन या इश्क़ मेरा,

नहीं अकेली, पर हाँ ! तन्हा हूँ।

हाँ! तो मैं क्या कह रही थी?

इश्क़ तो एक बार ही हुआ,

जिसमें था सारा जुनून।

इश्क़ तो एक बार ही हुआ,

जिसमें था सारा जुनून।

अब गर पसंद कोई आ गया

तो होगा,

वो ख्वाहिश पूरी करने का नूर।।


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