जिंदगी, सीखने का नाम है
जिंदगी, सीखने का नाम है
सीखने की उम्र नहीं,
सारी जिंदगी सीखना है।
वक़्त यूँ थमता नहीं,
थाम के इसे चलना है।
जन्म हुआ तो पता नहीं था,
खुद का दुनिया का ज्ञान नहीं था।
धीरे धीरे तालीम पाई,
थोड़ी सी अपनी जगह बनाई।
आया समय विद्यालय का था,
पढ़कर आगे बढने का था।
आँख हमारे खुल चुके थे ,
मंजिल को जिअसे बढ़ गए थे।
सोचा, जब यह अवस्था जाएगी,
तब शांति की ऋतू आएगी।
हर चीज हम सिख चुके होंगे,
पूर्ण विकास कर चुके होंगे।
पर जैसे जैसे कदम बढ़ाया,
नया नवीन संसार पाया।
सीख, हर जगह, हर बार मिली
ज्ञान की चुनरी साथ मिली
तब जाना की
सीखने के लिए,
जिंदगी तमाम है।
और यही जिंदगी,
ताउम्र सीखने का नाम है