अपनी सच्चाई को ताकत कहना
अपनी सच्चाई को ताकत कहना
पाना चाहते हो उन्मुक्त आकाश,
तो धरती पे पाँव भी धरना।
साबित करना है गर खुद को,
तो वास्तविकता में चलना।
हम नहीं जानते कि मंजिल कितनी है दूर,
पर गर मंजिल हासिल करनी है तो
हौसला कभी ना खोना।
दुनिया को रहे ना रहे जरूरत,
तुम्हारे किसी तकिया कलाम की।
लेकिन हर नसीहत पहले,
खुद पे तराश कर देखना।
चाहत तो बहुत कुछ पाने की ,
करता है इंसान।
गर सच में कुछ पाना है तो,
स्वपन को जुनून बनाकर रखना।
जरूरत नहीं दुनिया के ताने बाने में,
खुद को उलझाने की।
है अगर हिम्मत तो हमेशा,
अपने कर्तव्य का पालन करना।
किन दस्तूर और नियमों की करते हो तुम बात,
है खुद पे विश्वास तो,
दृढ़ इच्छा शक्ति से आगे बढ़ना।
मिलेगी जरूर मंजिल तुमको,
गर खुद में अटल विश्वास है।
नसीहत बड़ों की याद,
और मन में जुनून तैयार है।
अपनी मजबूरियों को किसी की,
ताकत बनने ना देना।
पर अपनी कमजोरियों को ताकत बना,
इस दुनिया से लड़ना।
वो खुद कायर जो दूसरों की, कमजोरी को अपनी ताकत कहे।
है अगर तुममें साहस, हिम्मत, तो अपनी सच्चाई को ताकत कहना।
