तो कहानी अभी बची होगी
तो कहानी अभी बची होगी
सफर हो जैसा भी,
मंजिल खूबसूरत होगी।
Canvas पे रंग भरते चलो,
तस्वीर बड़ी सुंदर होगी।
तप रहा सोना बनने कुंदन,
कीमत ज्यादा उसकी होगी।
राह अंधेरा लग रहा है बढ़ जा,
थोड़ी देर में सुबह होगी।
उस प्यासे चातक से कुछ तो सिखो,
है विश्वास कि सावन, कभी तो होगी ।
भूलती है गिलहरी, फिर भी छुपाती है दाने,
उनसे ही तो कल मिट्टी में अंकुरण होगी।
प्रकृति का ये सुन्दर चित्रण,
हर चित्र में अलग रंगत,
एक-दुसरे से जुडकर ही,
इन सब की दुनिया शुरू होगी।
जीव है एक-दूसरे के पूरक,
एक के मरने पे जिंदगी,
अगले की लिखी होगी।
लगे अगर कुछ खूबसूरत नहीं,
अधूरा सा, और पूरा नहीं,
तो लगे रहो करने अच्छा,
किसी घड़ी, ये भी कहानी खतम होगी।
क्योंकि अंत में होता है सब कुछ अच्छा
यदि नहीं !
तो कहानी अभी बची होगी।