हृदय में रहने वाले नामी।
हृदय में रहने वाले नामी।
सबके ही तुम हों सांवरिया,
मेरे भी मनमोहन हों..
तुमको देखूं, देखती रहूं
सांवरिया तन, मन हों..
मुरलीधर, चित चोर कहाओ
मन मन्दिर यूं बस जाओ..
तन में सांसें, जैसे बहती
जैसे सुमन में, खुशबू रहतीं..
तुमको अपना मान लिया सब,
तुम बिन कुछ ना जानें अब..
मान लिया हैं, तुमको स्वामी
हृदय में रहने वाले नामी..
इन अंखियों ने, दर्शन किया हैं
अन्तर्मन ने अपना लिया हैं..
रहते हों हर रोम रोम में,
रहते हों मेरी दिल धड़कन में..
रहते हों मेरी श्वास आवाह्न हैं.......
