शायर बना दिया
शायर बना दिया
नासमझ नादान थी मैं
दुनिया की बातों से अनजान थी मैं
भोली भाली दिल की साफ
खिलखिलाते मुस्कुराते घुमा करती थी मैं
उसके प्यार में मुझे दीवानी बना दिया
जिसे ना आता था शायरी का एक लफ्ज़ भी लिखना
उसे शायरियां लिखने का आदी बना दिया
करने लगी हूं मैं अब तो शायरी
उसके प्यार ने मुझे शायर बना दिया।

