चांद की रात
चांद की रात
चांद की रातें बड़ा सताती है मुझे
भूलना चाहूं जिसे मैं हर घड़ी
बस उसी की याद दिलाती है मुझे
उन यादों में उसकी बातें आती है
उसकी बातें मेरा दिल धड़काती है
जाने क्यूँ उस पल बेचैनी बढ़ जाती है
उससे मिलने की चाहत जाग जाती है।

