neha sharma

Romance Fantasy Inspirational

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neha sharma

Romance Fantasy Inspirational

उलझते

उलझते

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उलझते उलझते एक रोज

मोहब्बत हो गई उन्हें हमसे

हम सुलझे से रहते थे जो

न जाने क्यू उलझ गए उनसे

खता ये हुई बस हमसे कि

नजरे उनसे दो चार हो गई

उन्हें लगा ऐसा कि हमें मोहब्बत 

उनसे पहली ही बार में हो गई,,,।।



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