रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
बड़ी ही नाजुक सी होती है रिश्तों की डोर
जरा सा खींचो तो टूटकर बिखर जाती है
जितना ढील दो इन रिश्तों की डोर को
उतना ही उलझ कर रिश्ते निभाती है
ये रिश्तों की डोर रिश्तों की खूबसूरती बढ़ाती है....।।

