बेहतर बनाएं ये वर्ष
बेहतर बनाएं ये वर्ष
क्या भईया बीत गया साल
हंसते गाते मुस्कुराते
चला गया अपनी चाल
ले गया अपने संग किस्से और यादें पुरानी
छोड़ वही पुराने रूप रंग
बेरोज़गारी, आबादी
बदलेगा नहीं कभी ये ढंग
कौन लेगा इसकी जवाबदारी
भूल कर सब मना रहे
नये साल का जश्न
मौज मस्ती खूब कर रहे
सारी समस्याओं को कर भग्न
दीवार से उतर गया है
पुराना, रंगहीन 2023 का कैलेंडर
और उसी जगह टांग दिया गया
नया रंगीन 2024 का कैलेंडर
देखो भईया इस साल की नई सूरत
चमचमा रही बाहर से
अन्दर से हो चुकी पुरानी मूरत
आओ बनाएं बेहतर आज को।
