द्वारकाधीश भी कहते हैं,,।
द्वारकाधीश भी कहते हैं,,।
वृंदावन की गलियन में,
जहां पर तू रहता हैं..
द्वारिकाधीश भी कहते हैं,
लोग तुझे यहां हैं..
मैं तो चाकरिया बनी,
तेरे प्यार में..
मैं राह तकू, इंतजार में
मैं तो चाकरिया बनी, प्रेम, प्यार में..
रहना चाहूं हरि चरणन में,
रहना चाहूं श्याम के मन में..
हे प्रभु ! ये विनती हैं तुमसे,
रख लीजो अपने चरणों में.......

