STORYMIRROR

Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

4  

Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

द्वारकाधीश भी कहते हैं,,।

द्वारकाधीश भी कहते हैं,,।

1 min
219

वृंदावन की गलियन में, 

जहां पर तू रहता हैं.. 

द्वारिकाधीश भी कहते हैं, 

लोग तुझे यहां हैं..


मैं तो चाकरिया बनी,

तेरे प्यार में..

मैं राह तकू, इंतजार में

मैं तो चाकरिया बनी, प्रेम, प्यार में..


रहना चाहूं हरि चरणन में,

रहना चाहूं श्याम के मन में..

हे प्रभु ! ये विनती हैं तुमसे,

रख लीजो अपने चरणों में.......


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract