लोग क्या कहेंगे
लोग क्या कहेंगे
जब से आई माँ की कोख में
माँ लगी सोचने बस,
क्या, जन्म दूँगी एक और बेटी को
लोग क्या कहेंगे।
जब उम्र आई शिक्षा की
लोगों ने कहा, क्या बेटी को पढाओगी
उसे ऊंची शिक्षा दिलाएगी
लोग क्या कहेंगे।
हाथ में उठा बल्ला
बेटी ने एक दिन कहा...माँ ,
मै भी दुसरों की तरह खेलूंगी क्रिकेट
ना बेटी, ऐसा ना करना
लोग क्या कहेंगे।
जब उमर आई ब्याह की
किया उसने किसी को पसंद
कहा उसने, माँ करूंगी इसी से ब्याह
अब मत कहना कि
लोग क्या कहेंगे।
जिंदगी मेरी, पसंद मेरी
फिर क्यो किसी का डर;
माँ तुमने तो किया जो
बाबा ने चाहा
फिर भी आज लोग कहते है
जो उन्हें है कहना।
लड़की हूँ तो क्या हुआ
उच्च शिक्षा का है हक,
अपने पैरों पर खड़े होकर
अपनी जिंदगी जिउँगी
फिर देखना माँ
लोग क्या कहेंगे।