मैं एक नारी हूँ
मैं एक नारी हूँ
मुझे कमजोर न समझना,
न ही मुझे आँखें दिखाना।
मैं हूँ पड़ती सब पर भारी,
मैं हूँ इस जमाने की नारी ।
मुझमें है क्षमता दस हाथों की,
निपटाती हूँ सारे काम पलक झपकाते ही।
क्या घर क्या बाहर के काम,
दोनों में ही मैंने कमाए अच्छे नाम।
सिर्फ काम ही मैं नहीं करतीं रहती,
अपने और परिवार के सेहत का भी ख्याल रखती।
सुबह सवेरे उठ कर व्यायाम मैं करती,
पौष्टिक भोजन मैं सब के लिए बनाती।
हर क्षेत्र में मैं हुई हूँ सफल, <
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धरती से आसमान तक मचाई हमने हलचल।
सेना से लेकर अंतरिक्ष तक धूम है मचाई,
तब जाकर लोगों ने हमारी भी प्रशंसा गाई।
क्या झांसी की रानी, क्या रजिया सुलतान,
देश के लिए इन्होंने दे दी अपनी जान ।
कल्पना चावला ने भी भरी ऊंची उड़ान,
ये सारी नारियों ने बनाईं भारत की पहचान ।
बड़ी बड़ी प्रतियोगिताएँ हम जीत जाते,
पहले जैसे अब हम नहीं घबराते ।
बेटी बहुओं की रखती ख्याल हूँ,
मैं और कोई नहीं बस मैं एक नारी हूँ ।