अंबार-सा है
अंबार-सा है
घर बिखरा-बिखरा सा।
हर लम्हा सहमा सा है ।
दिल को संभालें या
दिमाग को सजा दे।
उलझनों का यहां अंबार-सा है।
दरवाजें खिड़कियों में
जब दरारें पड़ने लगे।
घर का बिखरा सामान
बाहर झांकने लगे।
खुद संवरकर घर को
संवार लेना अच्छा होता है।
खुद को खुद की नजरों में
उठा लेना बेहतर होता है।