STORYMIRROR

Mamta Rani

Classics Fantasy

4  

Mamta Rani

Classics Fantasy

ग़ज़ल

ग़ज़ल

1 min
267

ये गीत गजल है, दिल की धड़कन मेरी

प्रीत लगी है इसमें यही तो है लगन मेरी


सारी चिंताओं को कर देती है परे सबकी

संवारती है दिल की सारी उलझन मेरी


कभी तन्हा नहीं छोड़ती रहती दिल के पास

रहती सदा लबों पे बनके अंजुमन मेरी


काव्य से है धड़कता ये दिल मेरा

बिन इसके जीवन है घुटन मेरी


सांसों में बहता लहू की तरह

सुलझाते हैं सारे चिंतन मेरी।


இந்த உள்ளடக்கத்தை மதிப்பிடவும்
உள்நுழை

Similar hindi poem from Classics