मेरी जिंदगी
मेरी जिंदगी
कुछ इस तरह बीत रही है जिंदगी मेरी कि हर लम्हे में कोई होता है
जो वो नही होता कभी तो अक्सर उसकी यादें होती है
प्यार तो पहले भी था उनसे मुझे लेकिन जाने क्यों
अब मन ही मन उनकी चाहत होती है
पलकें उठा करती थी कभी उन्हे देखने भर के लिए
अब उन्हे देख कर झुकने लगी है
मेरे दिल के मंदिर में बना ली है उसने भगवान जैसी
मूरत खुद की हर सुबह शाम अब उनकी पूजा होने लगी है।।

