ख्वाब और हकीकत
ख्वाब और हकीकत
सांस कह रही स्वास से, धीरज रखना सीख
बिन मांगे मोती मिले, मांगे मिले न भीख।।
जीवन का दस्तूर बड़ा ये, मना करना कुछ करना सीख
हां-हां के इस चक्कर में, कभी न होगी जीत।।
उपलब्ध रहेगा जो हर एक की खातिर, न रुके न नैन से नीर
मझधार में नैया डूबे, कभी न पहुंचे तीर।।
ख्वाब और हकीकत में अंतर जानो, सपने हो असीम
देने की सदा नियत रखना, बनो धीर, वीर गंभीर।।
वाणी में लगाम कसी तो, ईर्ष्या, द्वेष न होंगे वीर
शांति से सारा जीवन गुजरे, न कोई रहे यतीम
आंखों में चमक और दिल में जोश तो, होगी मंजिल भी नजदीक
परिश्रम के अश्व जोतकर, जो पसीने से उनको सींच।।
काल हमेशा चलता रहेगा, आलस पे लगाम को खींच
चलने का नाम ही होती जिंदगी, यही जीवन की रीत।।
कोमल हृदय राह दिखाएं, हो न पाषाण की कभी जीत
याद करेगी उसको दुनिया, जिसे जीवों से हो प्रीत।
क्या जवानी क्या बुढ़ापा, हो हर परिस्थिति में गंभीर
सुख-दुख में समदर्शी है जो, हो ईश्वर में वो लीन।