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SUNIL JI GARG

Drama Inspirational

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SUNIL JI GARG

Drama Inspirational

होली का त्यौहार

होली का त्यौहार

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रंगमय जीवन रहे सदा,

यही सन्देसा होली का 

कड़वी बोली जायो भूल,

त्यौहार ये मीठी बोली का


स्वाद भी सारे इसमें है,

गुंजिआ, नमकीन या काँजी।

रिश्ते सारे होते हैं मधुर,

भाभी, साली हो या भांजी 


रंग सूखा या गीला हो,

पर समां महकना चाहिए 

गाना ठुमरी हो या दादरा,

पर तन तो झूमना चाहिए 


पर असली बात भी समझनी है,

सारे साल लेनी है उत्साह की ये गोली 

स्वाद, रिश्ते, रंग सब रखना है बनाये,

सच में होली वो जो कभी न हो ली।


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