सुरभित हरदम ! त्यौहार
सुरभित हरदम ! त्यौहार
सब मिल करते हंसी ठिठोली,
सीमा पर सहते हम गोली।
होली रंग बिरंगी देखो,
झिलमिल दिये की रौनक देखो।
भांगड़ा गिद्दा करें अनेकों,
क्रिसमस की पावनता देखो।
हंसी, खुशी, दुख, सुख का संगम,
मिट जाते इन सबमें हैं ग़म।
पूरब, पश्चिम गमके चन्दन,
पश्चिम दक्खिन सुरभित हरदम।।