.....सबके जीवन में गुरु होते हैं......
.....सबके जीवन में गुरु होते हैं......
सबके जीवन में गुरु होते हैं
मेरे जीवन में भी थी
मेरी एक अध्यापिका जी
बहुत सुंदर दिखती थी
बहुत ही लम्बी चोटी थी
हालांकि बहुत डांटती थी
लेकिन अच्छी लगती थी
उनके बारे में क्या कहना
वो ही बस मेरी है प्रेरणा
सबको लगती थी वो बाधा
नाम था उनका राधा
पढ़ाती थी वो हिंदी
लगाती थी वो बड़ी सी बिंदी
पढ़ती थी मेरी हर कविता
फिर हल्का मुस्काती थी
अच्छी कविता होने पर
मुझको देती शाबाशी थी
मेरी प्रिय एक और थी
बच्चों में जिनका खौफ था
हालांकि
वो पीटती नहीं थी
लेकिन सुनाती बहुत थी
सबको लगती थी वो आपदा
नाम था उनका नम्रता
डांटती तो सबको थी
लेकिन पढ़ाती बहुत अच्छा थी
अब तो वह सब छूट गया
मानो पिछले जन्म की बात हो
इस नई दुनिया में आकर लगता है
काश! सब फिर से साथ हो
वैसे तो मेरी सारी अध्यापिका
लगती थी एक परी
लेकिन कुछ दिल में उतरी
कुछ रह गई खड़ी
उन सभी अध्यापिकाओं को
मेरा दिल से प्रणाम
पढ़ाया जिन्होंने मुझे
जिससे बना सकूं मैं नाम।