नेता -कुशल अभिनेता
नेता -कुशल अभिनेता
एक दिन तो पुल बांधें तारीफों के,
अगले दिन विरोध में साधे निशाना।
कुशल अभिनेता ही होते हैं ये नेता,
इन्हें समझ ही सके न सारा जमाना।
विरोधी पार्टी की अनगिनत खामियां,
विविध उदाहरणों सहित गिनाते हैं।
पहुंचते ही वहां जब बदल के पाला,
बड़े-बड़े पुल तारीफों के बंध जाते हैं।
कल जो कमी थी है तारीफ आज वह,
यही तो गुण है नेताओं का बड़ा पुराना।
कुशल अभिनेता ही होते हैं ये नेता,
इन्हें समझ ही सके न सारा जमाना।
प्रशासक को तो सब ही समान हैं,
उस पर झूठे-झूठे आरोप लगाते।
कसूरवार दूजे को ही हैं ठहराते,
हेर -फेर कर के खुद हैं बच जाते।
खुद को बचाने और दूजे को फंसाने,
जानते कई तरह के हथकंडे अपनाना।
कुशल अभिनेता ही होते हैं ये नेता,
इन्हें समझ ही सके न सारा जमाना।
गरीब कल्याण का करते-करते नाटक,
खुद तो सचमुच अमीर बन जाते हैं।
गरीबों को केवल कोरे-झूठे आश्वासन,
अनपढ़ बहु डिग्री धारी बन जाते हैं।
जाग सके न-जान सके न-बजा झूठा डंका,
हम हैं हितैषी बस यह भ्रम ही है फैलाना
कुशल अभिनेता ही होते हैं ये नेता,
इन्हें समझ ही सके न सारा जमाना।
एक दिन तो पुल बांधें तारीफों के,
अगले दिन विरोध में साधे निशाना।
कुशल अभिनेता ही होते हैं ये नेता,
इन्हें समझ ही सके न सारा जमाना।