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Dr Kaushal N Jadav

Drama Tragedy Classics

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Dr Kaushal N Jadav

Drama Tragedy Classics

कोरोना का कहर

कोरोना का कहर

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रास्ते है खाली और बंध का ऐलान है...

हरे भरे खेत है और नीला आसमान है...

दहशतगर्दी है कोरोना की...

फिर भी जीने का अरमान है...

ये महामारी है जानलेवा...

और घर मे रहने का फरमान है...

अकेले नही हम घर मे...

परिवार का साथ है...

कहर है कुदरत का ये...

इसमें हमारा ही हाथ है...

समय मिला है खुद को अब खुद से मिलाने का...

हाथ नही मिलाना है पर दूर से हाथ हीलाने का...

बंध है मंदिर मस्जिद और ये गुरुद्वारे...

खुले है सिर्फ अस्पताल और सभी जगह है ताले..

. दूरी बनाये एक दूजे से और नजदीकियां टाले...

जिंदा रहे तो फिर मिलेगें लेकिन जिंदा होंगे सिर्फ घर मे रहनेवाले...


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