तू ही है
तू ही है
तू ही है रब की दुआएं
मैं न जानु क्या हुआ ये
तू ये ठंडी हवाएं
पलकों पर तुझको सजाये...
लेकर जाऊं मैं कहाँ...
तू ही इश्क मेरा ईमान...
तेरी ही यादों में सोयी...
तेरे अब सपनों में खोयी...
साथी अब तू ही बता दे...
इश्क भी अब क्या खता है...
तुझको अब में ढूँढूँ कहाँ...
तू ही इश्क मेरा ईमान...
धड़कने ये रुकने लगी है
ख्वाहिशें भी बढ़ने लगी है...
सांसो की आहट को सुन ले...
मेरी ग़ज़लों की तू जुबां है...
अब ये शायर भी जाये कहाँ
तू ही इश्क मेरा ईमान...
इश्क मोहब्बत की ये बाते...
रातें ये काटती नहीं है...
अपनी बांहों में मुझे छुपा दे...
दिन भी अब गुजरता नहीं है..
तुझ पर अब मेरा ही हक है...
तू ही इश्क मेरा ईमान...
तू ही है रब की दुआएं ...
मैं न जानु क्या हुआ ये...
तू ही इश्क मेरा ईमान..

