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Dr Kaushal N Jadav

Romance Fantasy

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Dr Kaushal N Jadav

Romance Fantasy

खुद को आप से मिलाने लगे...

खुद को आप से मिलाने लगे...

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आओ आज हम तुम्हे एक कहानी सुनाते हैं

लबो की मुस्कुराहट पे गम की जुबानी सुनाते हैं...

इश्क की बातें हम क्यों सुनाने लगे...

नए नए तराने हम क्यो बनाने लगे...


राज दिल का है या हुस्न की साजिशें...

यूँ न जाने क्यों हम छुपाने लगे...

दिल की बाते शराबी है दिल के मयखाने में

और ये ख्वाहिशे भी क्यो हम दबाने लगे... 


कहीं कहीं लगता है यूँ जमाने मे कभी...

आपको देखा था...

फिर भी नजरे क्यो हम चुराने लगे...

आप की आंखों के झरोखो से....

आप को ढूंढा था किसी जमाने मे...

फिर भी नजर क्यों हम चुराने लगे...


याद तो होगा आप को यूं अपने खयालो में...

फिर भी हम तुम क्यो रहे यूँ इत्मिनानो में...

माना नही थे हम यूँ आप के खयालो में...

फिर भी आप को मिलने ख्वाहिशे क्यो हम जताने लगे...

इश्क की बाते हम क्यों सुनाने लगे...

नए नए तराने हम क्यो बनाने लगे...


हाँ जी अब कुबूल है यूँ आप के होठों का मुस्कुराना...

न जाने क्यों हम खुद को आप से मिलाने लगे...

ये सारा मसला है उन तस्वीरों का...

ये सारा मसला है उन ख्वाहिशो का...

फिर भी हम क्यो तुम्हारे दिल मे उतरने लगे...

हा अब कुबूल है आप का इजहार...

अब हम तुम्हारे दिल मे उतरने लगे...

अब हम खुद को आप से मिलाने लगे...


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