घुल मिल गए...
घुल मिल गए...
आप मेरे हम किसी की जान मे घुल मिल गए...
याद आये जो तुम्हारी
याद आये जो तुम्हारी
लिख दूँ अपनी ग़ज़लों में
आप मेरी ग़ज़लों में गुल की तरह यूँ खिल गए...
आप मेरे हम किसी की जान मे घुल मिल गए...(f)
कैसे में सोच लूँ
वो अभी है नही
आ बता दूँ तुम्हे
सिलसिलो में कहीं...
रब से वादा किया
साथ छूटे नही
ख्वाहिशो में मेरे
वोह क्यों मिलती नही...(m)
रब से तुझको रोज मांगा
रब से तुझको रोज मांगा
रब ये माने क्यो नही...
दिल के नगमे दिल मे ही अनजान बन गए
आप मेरे हम किसी की जान बन गए...
आप मेरे हम किसी की जान मे घुल मिल गए...(f)
कौन है तू ये ना जानूं ??
क्यो तुझको मैं अपना मानूं ??
तेरे लिए क्यो मे खुदको
शायर बनाना चाहूँ ??(m)
जादू ये हुस्न का
आंखे ये मरहबा
देखा था मेने ये
इश्क का कारवां
ढूंढ लाओ उसे
जन्नतों से कहीं
सुना होगा न ये
इश्क का कायदा(M)
वक्त के उस पार जाके...
वक्त के उस पार जाके...
मिलना है तुमसे वहीँ...
प्यार के जज्बातो की तस्वीर बन गए...
आप मेरे हम किसी की जान बन गए...
आप मेरे हम किसी की जान मे घुल मिल गए...(f)
इश्क की राहों पे
साथ न चल सके
वादा वोह इश्क का
तुम निभा न सके
ढूंढना था तुझे
रब के वो दरबार मे
क्या पता क्यो हम तुम्हारे
पास आ न सके...(M)
रब की ये मर्जी थी हम पे
रब की ये मर्जी थी हम पे
हम तुम्हारे साथ हो
आप मेरे हम तुम्हारी की जान बन गए...
आप मेरे हम किसी की जान मे घुल मिल गए...(f)