कभी पापा की उंगलियों को पकड़े हुए, खुद को मैं कहीं बैठे देख रही हूं। कभी पापा की उंगलियों को पकड़े हुए, खुद को मैं कहीं बैठे देख रही हूं।
भूले हुए यार को हमारा ख्याल तो आया। भूले हुए यार को हमारा ख्याल तो आया।
वो शर्मा के जब दूर गई, बांहों में भर तब गले लगाया वो शर्मा के जब दूर गई, बांहों में भर तब गले लगाया
बातों में गुजरती थी रातें, दिन लम्हा भी कितने थे प्यारे बातों में गुजरती थी रातें, दिन लम्हा भी कितने थे प्यारे
तुम सब कुछ मेरे नाम करो मैं सब कुछ तेरे नाम करूँ तुम सब कुछ मेरे नाम करो मैं सब कुछ तेरे नाम करूँ
अपनी बाहों में मुझे ले लिया, फिर तो क्या?, अपनी बाहों में मुझे ले लिया, फिर तो क्या?,