STORYMIRROR

shekhar kharadi

Drama Others

3  

shekhar kharadi

Drama Others

अभिलाषा

अभिलाषा

1 min
257

देखो देखो पग पग की राह पर

स्मृति पटल के अतृप्त नेत्रों पर

मन मस्तिष्क की असीम दृश्य पर

शांत हृदय की तीव्र अभिलाषा पर

अतीत के भव्य नाट्य गर्भ गृह पर

अकल्पनीय महाकथा निर्माण पर

अविश्वसनीय पात्रों के अभिनय पर

नित्य उत्साह दूरदर्शन के दर्शन पर

रामायण-महाभारत के एपिसोड पर

ब्लैकेनवाईट टेलीविजन की मैजिक पर

भरपूर मनोरंजन की अनदेखी छवि पर

अस्तव्यस्त रिश्तों की मजबूती पर

सभ्य समाज के पथ निर्देशन पर

परिवर्तन युग के टेढ़े मेंढ़े पथ पर

सिनेमा के बदलते चलचित्रों पर

आजकल कलाकारों के रंगमंच पर

काल्पनिक-वास्तविक मर्म भेद पर

अंदर, बाहर दृश्य-अदृश्य द्वंद्व पर

मानव जीवन को खास प्रभाव किया

सत्य-अत्यंत की परिभाषा उजागर किया

स्नेह, करुणा, अहिंसा का पाठ सिखलाया


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama