अभिलाषा
अभिलाषा
देखो देखो पग पग की राह पर
स्मृति पटल के अतृप्त नेत्रों पर
मन मस्तिष्क की असीम दृश्य पर
शांत हृदय की तीव्र अभिलाषा पर
अतीत के भव्य नाट्य गर्भ गृह पर
अकल्पनीय महाकथा निर्माण पर
अविश्वसनीय पात्रों के अभिनय पर
नित्य उत्साह दूरदर्शन के दर्शन पर
रामायण-महाभारत के एपिसोड पर
ब्लैकेनवाईट टेलीविजन की मैजिक पर
भरपूर मनोरंजन की अनदेखी छवि पर
अस्तव्यस्त रिश्तों की मजबूती पर
सभ्य समाज के पथ निर्देशन पर
परिवर्तन युग के टेढ़े मेंढ़े पथ पर
सिनेमा के बदलते चलचित्रों पर
आजकल कलाकारों के रंगमंच पर
काल्पनिक-वास्तविक मर्म भेद पर
अंदर, बाहर दृश्य-अदृश्य द्वंद्व पर
मानव जीवन को खास प्रभाव किया
सत्य-अत्यंत की परिभाषा उजागर किया
स्नेह, करुणा, अहिंसा का पाठ सिखलाया
