आखिर क्यों
आखिर क्यों
सवालों के घेरे में आई क्यों,
अग्नि परीक्षा देकर भी
सीताजी बच ना पाई क्यों ?
पवित्रता अपनी साबित करने को
फिर भी धरती में समाई क्यों ?
आज की सीता का हाल वही क्यों ?
प्रश्नों के कटघरे में खड़ी क्यों ?
आज भी लोगों से नजरें चुराती क्यों ?
कभी कपड़ों पर, कभी समय पर,
दुनिया ने पाबंदी लगाई क्यों ?
कभी मायके ने, कभी ससुराल ने
लक्ष्मण रेखा खिंचवाई क्यों ?
राम ने जाना सीता की पवित्रता को,
फिर भी अग्नि परीक्षा में जलाई क्यों ?
उदाहरण देकर आज के युवकों को,
वही प्रथा शुरू करवाई क्यों ?
क्यों बन बैठा राम अब रावण ?
क्यों सीता पर अत्याचार है हर क्षण,
कभी दहेज, कभी बलात्कार और
कभी चरित्रहीन बताते हर पल,
कहाँ छुपे हो राम और लक्ष्मण,
कर दो अब इस रावण का वध मिलकर l
नई सुबह अब तुम जगा दो,
सुन्दर सुनहरे फूल खिला दो,
सीता और राम को मिलवा दो
शांति का पैग़ाम भिजवा दी।