केवल इसी साल ने
केवल इसी साल ने
केवल इसी साल ने हम लोगों को
संघर्ष करना सिखलाया है,
एक दूजे की मदद करने का, हमको
पाठ पढ़ाया है,
घर में रहने का जरूरी संयम हमें दिलाया है।
और सबसे मिलने का अवसर हमने पाया है।
पास पड़ोस से बनाकर रखो, यह
हमको समझाया है
रिश्तेदारी की महत्वता को भी हमें बताया है
आओ मिलकर हम ये सोचे क्या खोया और पाया है।
नए-नए मैनू नित नए व्यंजन,
अब तो हमने सीख लिए
मम्मी हो या पापा हो, सबके सब अब chef हुए
देश में स्वच्छता कितनी जरूरी, यह भी अब हम जान लिए।
प्रकृति को संजोकर रखो, यह भी हम सब ने समझ लिए।
आओ मिलकर हम ये सोचे……..
अन्न की कीमत हमने समझी,
कमी में रहना सीख लिया।
कम खर्च में पूरी शादी,
कम लोगों में संस्कार हुआ,
कम कपड़े और कम जूते भी,
हम सब ने मंजूर किए
कम पैसों से हम सब ने अब
जीवन जीना सीख लिया।
आओ मिलकर…………
आने वाली हर विपदा को हमने गले लगाया है
सही अर्थों में जीना सीखा और
सबको सिखलाया है।
केवल इसी साल में हमने अपनी क्षमता को पहचाना है
आओ मिलकर…………..
मंदिरों के भगवानों को अस्पतालों में देखा है
और सड़कों पे और बॉर्डर पर हमने
इनको पाया
घर के बाहर हम ना निकले, पर यह
सब तैनात हुए, शत शत नमन है
इनकी लगन को, इनके आगे शीश झुके
आओ मिलकर………..
