ये जिंदगी थमी थमी, यह जिंदगी है थम गई
ये जिंदगी थमी थमी, यह जिंदगी है थम गई
हर तरफ फैली है चुप्पी, हर कोना हर गली,
मॉल हो या सिनेमाघर सुनसान पड़े हैं हर घड़ी
हर ओर दुख का काफिला है और बढ़ते फासले
महामारी ये कैसी फैली धुन रुक गई संसार की
यह जिंदगी थमी थमी………
ये जो मजदूर है ये वक्त से मजबूर हैं
पीठ पर लदी है गठरी एक तो सामान की,
और कांधे पर पड़ी है एक बच्ची बेजान सी
ताले लगे हैं सड़कों पे, पर जाना बहुत ही दूर है
प्राण संकट में झूल रहे, पर सबके सब मजबूर हैं
ये जिंदगी थमी थमी……
छात्र और छात्राएं, सब बस्ता लिए तैयार हैं
शिक्षक भी अब तो सारे पढ़ाने को बेकरार हैं
कब खुलेंगे स्कूल हमारे, सभी सोच कर परेशान हैं
कॉपी और किताब की अब है नहीं अहमियत कोई
ऑनलाइन टीचिंग चल रही, कमी है किस बात की
दीवारें सब गिर गई स्कूल की और प्यार की
ये जिंदगी थमी थमी……
ठप हुआ बिजनेस सभी का खत्म हुए संसाधन सभी
चुप करके बैठे घरों में, राजा भी और रंक भी,
ऑफिस है खाली, सुनसान पड़ी है फैक्ट्रियां,
हाय रे ये कैसा वायरस, इंसान की मजबूरियां
यह जिंदगी थमी थमी…
है चीन से फैला जहर, ईरान पे टूटा कहर
इटली और अमेरिका भी बन गया, श्मशान का सा मंजर,
भारत भी बच न पाया, इस संक्रमण के जाल से
चीख पुकार चारों तरफ है, इस समस्त संसार में
यह जिंदगी थमी थमी…
संदिग्ध है हर छींक तक, संगीन है वातावरण
खामोशियां हर ओर हैं, बीमारियों का शोर है,
चेहरे कभी दिखते नहीं, mask ही mask चारों ओर है
इसका ना कोई रूप है, ना कोई आकार है
सांसे जैसे हैं लीज पर और जीवन भी उधार हैं
यह जिंदगी थमी थमी………
न गोलगप्पे बिक रहे, न टिक्कियों के ठेले हैं
न बर्गर, न चाऊमीन, न मोमोज के मेले हैं
न बर्थडे, न शादी, न बाजा है, न बाराती हैं
हर शय में कोरोना है, इसी बात का तो रोना है
यह जिंदगी थमी……
पर हम सबने मिल करके कोरोना को हराना है
घर से निकलना मास्क पहनकर
पर हाथ किसी से ना मिलाना है
सैनिटाइज करके खुद को और देश को बचाना है
बचाव में ही इलाज, यही सब को समझाना है
यह जिंदगी नहीं थमेगी, यह जिंदगी चलती रहेगी !
