anju gupta
Inspirational
लक्ष्य चाहे कितना भी बड़ा हो,
पहाड़ सा सामने खड़ा हो,
तुम भले ही कितने छोटे हो,
पर हिम्मत में सबसे खरे हो,
हौसले हो जब तुम्हारे बुलंद,
आसमान को छूती हो उमंग,
तो लक्ष्य को हिलाना नामुमकिन नहीं,
ध्येय को पाना मुश्किल नहीं ।
दिल चाहता है....
आखिर क्यों
केवल इसी साल ...
ये जिंदगी थमी...
लक्ष्य है पान...
पानी में छप छपाक करना..... ऐसा लगा मानो पानी में छप छपाक करना..... ऐसा लगा मानो
और जो उसको बना अपनी ताकत मेहनत करता है, वो एक दिन जरुर निखर जाता है। और जो उसको बना अपनी ताकत मेहनत करता है, वो एक दिन जरुर निखर जाता है।
हर चुनौती को गले लगाओ, आगे बढ़ो, खुद को प्रशंसा और उन्नति का सफ़र बनाओ। हर चुनौती को गले लगाओ, आगे बढ़ो, खुद को प्रशंसा और उन्नति का सफ़र बनाओ।
ये जमीन से आसमाँ को छूने के सफर की उड़ान है। ये जमीन से आसमाँ को छूने के सफर की उड़ान है।
प्यार को कभी चोट मत पहुँचाओ, इसीलिए मैंने हमेशा प्यार का संदेश फैलाता हूँ।” प्यार को कभी चोट मत पहुँचाओ, इसीलिए मैंने हमेशा प्यार का संदेश फैलाता हूँ।”
जब कन्या भ्रूण का हो रहा तिरस्कार तब कैसे जिए शांति से। जब कन्या भ्रूण का हो रहा तिरस्कार तब कैसे जिए शांति से।
मत रहो बनकर कोल्हू का बैल, अब तो तुम बीएलओ। मत रहो बनकर कोल्हू का बैल, अब तो तुम बीएलओ।
हर सुबह कहती है सब कुछ है तेरे साथ, बस तू चाह ले यो ये उजाला रहेगा, हर सुबह कहती है सब कुछ है तेरे साथ, बस तू चाह ले यो ये उजाला रहेगा,
टूटेगा गुरुर सिंह का भी चाहे सामने स्वान की भी हो फ़ौज खड़ी। टूटेगा गुरुर सिंह का भी चाहे सामने स्वान की भी हो फ़ौज खड़ी।
नहीं सूखा पा रही हूँ द्रवित नयन खारे पानी से अपने न जानें क्यों..? नहीं सूखा पा रही हूँ द्रवित नयन खारे पानी से अपने न जानें क्यों..?
आजादी गणतंत्र समन्वित, प्रजातंत्र अक्षुण्ण है हित में।। आजादी गणतंत्र समन्वित, प्रजातंत्र अक्षुण्ण है हित में।।
संघर्ष कर के तोड़ो सीमाओं को खुद को काबिल करो। संघर्ष कर के तोड़ो सीमाओं को खुद को काबिल करो।
चाहे गम हो या खुशियां की बहार। चाहे गम हो या खुशियां की बहार।
समर्पित दिल से जो प्रयास करते हैं, वे होते हैं समाज के नेता, शिक्षा के विजेता।। समर्पित दिल से जो प्रयास करते हैं, वे होते हैं समाज के नेता, शिक्षा के विजेता...
अनंत ऊर्जा का स्वामी वह अखंड सत्यमित्र है। अनंत ऊर्जा का स्वामी वह अखंड सत्यमित्र है।
मामा के घर प्यारी छांव, पांव पांव दौड़ेगा मिट्टी में। मामा के घर प्यारी छांव, पांव पांव दौड़ेगा मिट्टी में।
जब से घर की जगह फ्लैट आया है उसने घर से आँगन को बाहर भगाया है। जब से घर की जगह फ्लैट आया है उसने घर से आँगन को बाहर भगाया है।
बाबुल मोरे इतनी सी अरज मोरी सुन ले। बाबुल मोरे इतनी सी अरज मोरी सुन ले।
ख़ामोशियों के भी अल्फाज़ होते हैं, ज़ुबान से नहीं, ये दिल से बयान होते हैं, ख़ामोशियों के भी अल्फाज़ होते हैं, ज़ुबान से नहीं, ये दिल से बयान होते हैं,
तलाश और प्यास की खातिर देखो ढूंढ ही लेती हूं राहें तमाम ! तलाश और प्यास की खातिर देखो ढूंढ ही लेती हूं राहें तमाम !