कुछ बात तो है मुझ में जरूर वो कमजोर कहते हैं और लगे हैं सताने कुछ बात तो है मुझ में जरूर वो कमजोर कहते हैं और लगे हैं सताने
ताकि कोई और मेरे और तुम्हारे जैसी लड़की के साथ ये ना हो पाएं। ताकि कोई और मेरे और तुम्हारे जैसी लड़की के साथ ये ना हो पाएं।
किसी रोज़ ये मंजर रुखसत होगा देकर पैगाम-ए-विदाई का किसी रोज़ ये मंजर रुखसत होगा देकर पैगाम-ए-विदाई का
लोग चलने के लिए नहीं बढ़ते आगे, लोग चलते हैं आगे बढ़ने के लिए। लोग चलने के लिए नहीं बढ़ते आगे, लोग चलते हैं आगे बढ़ने के लिए।
वो भूखा है जनाब उसे कहाँ मज़हब समझ आता है ! वो भूखा है जनाब उसे कहाँ मज़हब समझ आता है !
हर रोज यहां नफ़रत कि आग में जलते जा रहें हैं लोग। हर रोज यहां नफ़रत कि आग में जलते जा रहें हैं लोग।