चारों तरफ अँधेरा नाच रहा है ऊपर नीचे सूरज को थोड़ा फैला आफताब देना चाहिए चारों तरफ अँधेरा नाच रहा है ऊपर नीचे सूरज को थोड़ा फैला आफताब देना चाहिए
अगर मंदिर मे भगवान होते तो वह किसी के घर की चार दिवारी पर ना लटकते...! अगर मंदिर मे भगवान होते तो वह किसी के घर की चार दिवारी पर ना लटकते...!
इश्क में सब कुछ सहना पड़ता है... इश्क में सब कुछ सहना पड़ता है...
मैं को हम भी कर नही सकता मैं...! मैं को हम भी कर नही सकता मैं...!
सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं... सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं...
सच की राहों में लाख कांटे सही, पर इस जैसा कोई भी कुसुम नहीं।। सच की राहों में लाख कांटे सही, पर इस जैसा कोई भी कुसुम नहीं।।