खुद को पहचानने का नाम ही ज़िंदगी है! खुद को पहचानने का नाम ही ज़िंदगी है!
आँखे निस्तेज डरी हुई सी भय थिरकन से भरी हुई सी खतरा हर पल लगा हुआ सा गले में अटकी जान हूँ। आँखे निस्तेज डरी हुई सी भय थिरकन से भरी हुई सी खतरा हर पल लगा हुआ सा गले में ...
कैसे सजदा कर भी पाऊं मै है जब भी है ये गिरती पलके तेरी इक सूरत ही देखी ! कैसे सजदा कर भी पाऊं मै है जब भी है ये गिरती पलके तेरी इक सूरत ही देखी !
सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं... सत्य हूं मैं, बिक चुका हूं झूठ के बाज़ार में । मैं अकेला चल रहा हूं...
मेरे साथ कुछ भी न था जो देखा पीछे मुड़के। मेरे साथ कुछ भी न था जो देखा पीछे मुड़के।
रात आँखों में काटता है, वह घर कुछ कहता है ! रात आँखों में काटता है, वह घर कुछ कहता है !