'जय जय भारत देश'
'जय जय भारत देश'
देश है जो अपनो सलोनो,
लगे बड़ो नौनों।
सब मिल जय बोलो।
गंगा-जमुना जल बरसावे,
साधु-संत नित धुनी रमावें।
धरती उगलती हैं सोनों,
लगे बड़ो नौनों।
सब मिल जय बोलो।
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
आपस में सब भाई-भाई।
हर्षित हैं अपनों कोनो-कोनो।
लगे बड़ों नौनों।
सब मिल जय बोलो।
बेला, गुलाब, जूही, चंपा, चमेली,
सब भाषाएँ है हमजोली।
हिंदी है सौ टंच सोनो।
लगे बड़ों नौनों।
सब मिल जय बोलो।
राम कृष्ण की पावन धरती।
राम कृपा यहां नित्य बरसाती।
कोई बड़ो नहीं पोनों।
लगे बड़ों नौनों।
सब मिल जय बोलो।।
