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Deep Kaur

Inspirational

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Deep Kaur

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सूखा पत्ता

सूखा पत्ता

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बारिश ने कहा

 जमीं पे पड़े सूखे पत्ते से


"छूती हूं तुझे भी मैं

और तेरे साथ लगे पेड़ के पत्तों को भी

फिर क्यूं उस पेड़ का छोटा सा पत्ता भी बड़ रहा है

लेकिन दिन ब दिन तू सड़ रहा है..??"


वो सूखा पत्ता मुरझाया और बोला


" ए बारिश तेरी एक एक बूंद के जरिए 

भेज सभी को मेरा यह संदेश

कि रहो हमेशा एकसाथ

वर्ना खत्म हो जाता है उनका वजूद

जो छोड़ कर चले जाते हैं अपनों का हाथ..."


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