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Deep Kaur

Romance

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Deep Kaur

Romance

चांद एक जरिया

चांद एक जरिया

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मुझे हवा बहुत भाती है

क्योंकि यह मेरे मेहबूब को छू के आती है

कुछ इस तरह हमने

मोहब्बत का दरिया बना लिया है

चांद को बात करने का जरिया बना लिया है

सुनाता रहता है वो मेरे किस्से चांद को

मैं भी उसके गुण गाती हूं

बताती हूं चांद को

कि अपने यार को मैं कितना चाहती हूं

चांद सोचता है के यह दोनों

कितने नादान हैं 

आसमान में चल रहीं हैं

इश्क अपने की ही बातें

सितारे भी मोहब्बत अपनी से 

हैरान हैं...


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