STORYMIRROR

Shalini Badole

Romance

4  

Shalini Badole

Romance

हमसफर

हमसफर

1 min
378


जीवन के सफ़र में दो हमसफ़र , चल पड़े हैं साथ- साथ, 

जीवन की टेढ़ी - मेढ़ी पगडंडियों पर, थामकर हाथों में हाथ 

बढ़ाते हैं कदम प्रेम और विश्वास के साथ। 

चलते -चलते दोनों के बीच में होते हैं दो नन्हे हाथ।

फिर दो से होते हैं चार हाथ। 

दोनों को चलना दौड़ना सिखाते दोनों हमसफ़र हो जाते है कुछ दूर।

फिर वे दो नन्हे राही जीवन की राह पर दौड़ लगाते है,     

एक दूजे से आगे बढ़ने की होड़ में और फिर निकल जाते है बहुत आगे। 

आँखों से ओझल बहुत दूर।

फिर होते है दोनों हमसफ़र एक साथ।

जीवन की साँझ में एक दूजे को सँभालते हुए। 

हमसफ़रएक दूजे को खोने के डर के साथ।              

             


विषय का मूल्यांकन करें
लॉग इन

Similar hindi poem from Romance