तेरा साथ हो
तेरा साथ हो
सर्द मौसम की गुनगुनी धूप में हाथ सेंकती
ठिठुरती सुबह हो या फिर गर्म लू से
झुलसी दुपहरी को राहत देती साँझ हो,
बस दुआ ये माँगू उस पल तेरा साथ हो,
रिमझिम बारिश से भीगता धरती का अंतर्मन हो
या गरजती बिजलियों से गूंजता गगन हो,
बस दुआ ये माँगू उस पल तेरा साथ हो,
बातों और किस्सों की राजदारी हो या फिर
सुकून के लम्हों में अदरक की चाय की साझेदारी हो,
बस दुआ ये माँगू उस पल तेरा साथ हो ,
चहकती खिलखिलाती खुशियों का उपवन हो
या तन्हा-तन्हा, मायूस सा मन हो,
बस दुआ ये माँगू उस पल तेरा साथ हो,
जिंदगी के तानेबानों की उलझन हो या
तकरार-मनुहार की सुलगन हो,
बस दुआ ये माँगू उस पल तेरा साथ हो,
ख्वाहिशों का गहरा नील समंदर हो
या सपनों का इंद्रधनुषी अम्बर हो,
बस दुआ ये माँगू उस पल तेरा साथ हो।।