चल री छैल छबीली
चल री छैल छबीली
चल री छैल छबीली छोरी
मैं न खेलूं तुझ संग होली
तू चाहे मेरे प्यार में रंगना
बनकर एकदम भोली
तेरे इरादे मैं सब जानू
तू पहले रंग लगाऐगी
रंग जो गया मैं तेरे रंग में
फिर पास मेरे न आऐगी
जोबन दिखा के ललचाती
फिर प्यार में अपने फंसाती
मजनू बन जब पीछे भटकूं
तू फिर नखरे पूरे दिखाती
तू भी तो लुभाये पहले
फिर पास मेरे न आये
मजनू मेरे नाम का बन
तू पीछे सब के जाये
मुझको पता हैं तेरी बातें
तू मेरा भी सब कुछ जाने
तो आजा खेलें फिर होली
एक दूजे को अपना माने।