फटी जेब सी जिंदगी
फटी जेब सी जिंदगी
फटी जेब सी है ज़िन्दगी मेरी
सिक्कों से हुए हैं दिन
जिंदगी कट तो रही मेरी
पर जी नहीं पा रहे तुम्हारे बिन
हकीकत से हुआ जब से साक्षात्कार
जिंदगी जीना और भी हुआ है दुश्वार
प्रेम तो आज महज बस बना व्यापार
प्रेमियो को मिलती है अक्सर हार
क्या दीवाली क्या होली या कोई हो त्यौहार
जिनके हृदय में प्रेम बसा हो रात दिवाली दिन त्यौहार
सबसे सुंदर सबसे अच्छा होता है उनका व्यवहार
यही समझ लो यही सीख लो प्रेम ही है जीवन आधार
फटी जेब हो चाहे जितनी निकल जायेगा खर्च आपार
तब समझ में आयेगा तुमको प्रेम की बोली खास है यार।