उड. जाऐ मेरी निंदिया
उड. जाऐ मेरी निंदिया
कब से था इंतज़ार मुझे
अबके होली आने का
फुहार बीच तेरे प्यार के
रंगों में खो जाने का
रंग गुलाल अबीर लगा
माथे चौडी़ सी बिंदिया
अब के ऐसी होली कर
उड जाऐ मेरी निंदिया
इंन्द्रधनुष बना रंगों का
उतार दे मेरे अंगों पर
सात जनम जो लिखा रहे
तेरा नाम प्यार के रंगों पर
भागूंगी न मैं बचने को
तू रंग दे मुझे पकड़ के
नश नश में भर दे प्यार
बाहों में मुझे जकड़ के।