हरियाली की वहाँ चादर बिछा ले बाग तू धरा का फिर से सजा दे। हरियाली की वहाँ चादर बिछा ले बाग तू धरा का फिर से सजा दे।
तू है तो ये जहाँ भी लगे न्यारा। तू है तो ये जहाँ भी लगे न्यारा।
जिधर भी जाती नजर हमारी, तुम ही को देखता हूं मैं। जिधर भी जाती नजर हमारी, तुम ही को देखता हूं मैं।
छोड़ राह हार की, विजय का नया पंथ ले। छोड़ राह हार की, विजय का नया पंथ ले।
कैसे लिख दूँ माँ तू कितने अच्छी है। कैसे लिख दूँ माँ तू कितने अच्छी है।
पर तेरे आने का जो संदेश कहीं से भी पाऊँगी तो मैं भी मुस्काऊँगी, हाँ मैं भी मुस्काऊँगी पर तेरे आने का जो संदेश कहीं से भी पाऊँगी तो मैं भी मुस्काऊँगी, हाँ मैं भ...