हरियाली की वहाँ चादर बिछा ले बाग तू धरा का फिर से सजा दे। हरियाली की वहाँ चादर बिछा ले बाग तू धरा का फिर से सजा दे।
हमें कसम है अपने तिरंगे की, हम इसकी रक्षा में अपना शीश कटावें। हमें कसम है अपने तिरंगे की, हम इसकी रक्षा में अपना शीश कटावें।
देख रहे हल राह तुम्हारी बदरा बुला रहे जलधारी घर-संसार सुखों की खातिर तुम्हें जीतनी है यह पा... देख रहे हल राह तुम्हारी बदरा बुला रहे जलधारी घर-संसार सुखों की खातिर तु...
ताक़त भी आज पस्त है, दौलत के सूर्य अस्त है ताक़त भी आज पस्त है, दौलत के सूर्य अस्त है
मेरा मन तनावग्रस्त क्यों हो जाता है। मेरा मन तनावग्रस्त क्यों हो जाता है।
अपने साथ न चलने वालों को यह करता पस्त है यह बेचारा सदैव रहता मौन है अपने साथ न चलने वालों को यह करता पस्त है यह बेचारा सदैव रहता मौन है