Minal Aggarwal

Abstract

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Minal Aggarwal

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मन इस पंछी का

मन इस पंछी का

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मेरा मन 

तनावग्रस्त क्यों हो 

जाता है 

इतना समझदार है 

फिर भी 

कभी कभी 

इस दुनिया की 

अजीबोगरीब हरकतों के 

जाल में फंसकर 

पस्त क्यों हो 

जाता है 

जाना है इसको तो 

आसमान के पार

उड़ान भरने से पहले ही 

यह जमीन पर 

एक कटे पंखों के पंछी सा 

बदहवास 

धराशायी क्यों हो जाता है 

इसका ध्यान तो 

पूर्णतया

केन्द्रित होना चाहिए 

अपने लक्ष्य की ओर 

यह दिखने में 

भले ही एक छोटे 

आकार का है पर 

मन इस पंछी का है 

इस विशाल गगन से भी 

महान 

छोटी छोटी बाधाओं,

दुविधाओं और

कटाक्षों से फिर 

कभी कभी 

अपने मार्ग से 

विचलित क्यों हो 

जाता है।


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